साल भर में इन्वेस्टर्स का पैसा डबल

बकुल चुगन टोंगिया(ईटीआईजी)
इकनॉमिक टाइम्स ऑटो
एंसिलरी इंडेक्स में पिछले एक साल में मदरसन सुमी ने सबसे ज्यादा रिटर्न दिया है। इस दौरान कंपनी के शेयरहोल्डर्स का पैसा डबल हो गया है। इस साल मदरसन का फाइनैंशल परफॉर्मेंस जिस तरह का रहा है, उससे आगे भी शेयर की कीमत बढ़ेगी। हालांकि, ऑटो इक्विपमेंट कंपनियों की हालत अभी इंडस्ट्री स्लोडाउन के चलते खराब है।

मदरसन कई प्रॉडक्ट्स बनाती है और दुनिया के कई देशों में उसका बिजनस फैला हुआ है। इस वजह से अब तक उसने स्लोडाउन के चैलेंज का बखूबी सामना किया है। अमेरिकी इकॉनमी रिवाइव कर रही है और यूरोप की कई ऑटो कंपनियां उसकी क्लाइंट हैं। जर्मन कार कंपनियां भी उसकी क्लाइंट लिस्ट में शामिल हैं। इन कंपनियों का परफॉर्मेंस लगातार अच्छा बना हुआ है, जिसका फायदा मदरसन को भी मिला है। जून क्वॉर्टर में भारतीय कंपनी की सेल्स बढ़ने की यही वजह है।

इस क्वॉर्टर में मदरसन की कंसॉलिडेटेड सेल्स 12 फीसदी बढ़ी है। वहीं, इसकी ऑपरेटिंग प्रॉफिट में 2 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है। इस तिमाही में मदरसन की यूरोपीय सब्सिडियरी एसएमआर प्रॉफिट में आ गई। यह कार कंपनियों को रियर व्यू मिरर सप्लाई करती है। एसएमआर की सेल्स जून क्वार्टर में 28 फीसदी बढ़ी। इसे खासतौर पर अमेरिकी कार मार्केट में रिकवरी का फायदा मिला। कंपनी का ऑपरेटिंग मार्जिन भी साल भर पहले के 5 फीसदी से बढ़कर 8.6 फीसदी हो गया।

मदरसन की दो बड़ी सब्सिडियरी एसएमआर और एसएमपी हैं। इनकी कंपनी की कुल सेल्स में 80 फीसदी हिस्सेदारी है। इन कंपनियों के पास क्रमश: 1.33 और 2.4 अरब यूरो के ऑर्डर हैं। इन प्रॉडक्ट्स की सप्लाई उन्हें फाइनैंशल इयर 2015 तक करनी है। ऑर्डर बुक के चलते मदरसन की अगले कुछ साल की सेल्स का आसानी से अंदाजा लगाया जा सकता है। दमदार परफॉर्मेंस की वजह से फॉरेन इन्वेस्टर्स की दिलचस्पी भी मदरसन में बनी हुई है।