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आप यहां है - भविष्य-दर्शन |
व्यक्ति अनादिकाल से अपने दिव्य स्वरूप को भूला हुआ है। स्व को स्व और पर को पर जानने...
साधकों के लिए परमात्मा का स्मरण करना अत्यंत सरल है, इसमें तो कुछ खर्च भी नहीं होता...
गुफाओं में बैठकर भगवान का नाम स्मरण व तपस्या आदि करने वाले और देश की सीमाओं...
इस संसार में जीव का कोई भी सच्चा साथी नहीं है। माता-पिता, भाई-बंधु सब झूठे नाते...
जय-पराजय, लाभ-हानि और सुख-दुख को एक जैसा समझकर, उसके बाद युद्ध के लिए तैयार...
भविष्य के लिए कृष्ण की बड़ी सार्थकता है। जब सबके मूल्य फीके पड़ जाएंगे और द्वंद्व भरे धर्...
हे अर्जुन ! सम्पूर्ण प्राणी जन्म से पहले अप्रकट थे और मृत्यु के बाद भी अप्रकट हो जाने व...
पांच या दस मिनट के लिए बिल्कुल खाली होकर बैठना। कोई मंत्रजाप नहीं करना...
नवभारत टाइम्स अपने यूज़र्स के लिए पत्रिका मिलान और जन्मकुंडली बनाने की सुविधा एक ही स्थान पर उपलब्ध करवा रहा है। अपनी व अपने भावी जीवन साथी की कुंडली का मिलान कर सकते हैं और साथ ही बना सकते हैं
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